Baba Ramdev Biography In Hindi: योगगुरु बाबा रामदेव का जीवन परिचय हिंदी में …..!!

वर्तमान समय में यदि हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करनी है और अपने जीवन को ख़ुशी के साथ जीना है। तब हमें अपने कार्यक्षेत्र में तो कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है ही उसी के साथ साथ हमें अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने के आवश्यकता है। क्योकि आजकल के बढ़ते प्रदुषण और असंतुलित खान पान की आदतों का हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत ही गंभीर असर पड़ता है। वर्तमान समय में हमारे कार्यक्षेत्र तथा जीवन में निरंतर बढ़ते तनाव की वजह से हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी गड़बड़ा गया है। 

हमें चाहिए की हम अपने जीवन को लम्बी उम्र तथा ख़ुशी के साथ जीने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देते रहे। हमें आवश्यक रूप से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने के लिए नियमित रूप से योगा और व्यायाम करना चाहिए। जब योग की बात आ ही गयी है तब हम आपको बता दे की आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे है। 

जिन्होंने भारत के साथ साथ विदेशो को योग तथा उसके महत्व से परिचित कराया है। आज इस आर्टिकल में हम योगगुरु Swami Ramdev जी की Biography In Hindi में जानेंगे। जिन्होंने योगा को बच्चो से लेकर बड़ो तक पहुचाया और योगा को भारत के साथ-साथ विदेशो में भी एक नयी पहचान दिलवाई है। वर्तमान समय में योगगुरु बाबा रामदेव जी सफल बिजनेसमेन के रूप में भी जाने जाते है। चलिए आज के इस बेहतरीन आर्टिकल में हम बाबा रामदेव का जीवन परिचय आपसे करवाते है। 

1NameSwami Ramdev ( RamKrishna Yadav )
2Age55 Years, ( 25 December 1965 )
3EducatonGurukula Kangri Vishwavidhyalaya, Haridwar. Edu Qualification ( 8th Standard )
4ProfessionYoga Guru, Spiritual Leader, Businessman
5Known AsYoga Guru, Indian Yogi, Patanjali Founder
6BusinessPatanjali Ayurveda,  ( TurnOver 10,216 Cr, in 2016-17 ) 
7Networth1400 करोड़ 
8ReligionHinduism
9NationalityIndian

Baba Ramdev का बचपन 

वर्तमान समय में योगगुरु के रूप में पहचाने जाने वाले बाबा रामदेव का असली नाम रामकृष्ण यादव था। बाबा रामदेव जी का जन्म 25 दिसंबर, 1965 को हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ जिले के अली सैय्यद पूर नाम के गाव में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री रामनिवास यादव तथा माता जी का नामा श्रीमती गुलाबो देवी था। बाबा रामदेव जी का  परिवार खेती करते हुए ही अपना जीवन यापन करता था। 

बाबा रामदेव बताते है की जब वे 2.5 वर्ष की उम्र के थे। तब उनके शरीर के एक हिस्से को लकवा लग गया था और परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बाबा रामदेव तथा उनके परिवार ने मिलकर घर पर ही आयुर्वेद तथा निरंतर योगा की सहायता से खुद को ठीक कर लिया था। यह सकारात्मक घटना बाबा रामदेव के दिमाग में एक चमत्कार की भांति घर कर गयी थी। यही कारण था जिससे बाबा रामदेव को बचपन से ही योगा के प्रति विशेष आकर्षण हो गया था। 

Baba Ramdev जी की शिक्षा / दीक्षा 

भले ही बाबा रामदेव जी के परिवार के शुरूआती माली (आथिक) हालात ठीक नही थे। लेकिन स्वामी रामदेव जी के परिवार ने कभी भी उनको पढने से रोका नही। अपनी 8 वी कक्षा तक की पढाई रामदेव जी ने अपने गाव से ही पूरी की थी। बताया जाता है की बाबा रामदेव शुरुआत से ही पढाई लिखाई में काफी अच्छे थे। समय के साथ साथ बाबा रामदेव जी को भारतीय साहित्य तथा योग को और भी गहराई से जानने की इच्छा होने लगी थी। इसी हेतु शुरुआत में ही अपना घर छोडकर बाबा रामदेव ने उस समय के सारे गुरुकुलो में शिक्षा दीक्षा प्राप्त की थी। 

  • बाबा रामदेव ( रामकृष्ण यादव ) जी ने उस समय के स्वामी शंकरादेव जी से सन्यासी जीवन की दीक्षा प्राप्त की थी। 
  • सन्यासी शिक्षा / दीक्षा लेते समय ही स्वामी रामदेव ने अपना नाम रामकृष्ण यादव से स्वामी रामदेव रख लिया था। 
  • बाबा रामदेव जी अपनी युवावस्था में महर्षि दयानंद सरस्वती से काफी प्रभावित हुए थे , क्योकि दयानंद सरस्वती जी उस समय के प्रसिद्द धार्मिक व्यक्ति समाज सेवक थे। 
  • पास के गाव खानपुर के गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न तथा योगाचार्य बल्देव जी से वेद संस्कृति तथा योग में शिक्षा दीक्षा प्राप्त की थी। 

Baba Ramdev का संघर्ष भरा शुरूआती जीवन 

बाबा रामदेव जी का शुरूआती जीवन तो काफी संघर्षो भरा था। बाबा रामदेव उस समय स्वामी दयानंद सरस्वती जी बहुत अधिक प्रभावित हुए थे। चूँकि स्वामी दयानंद सरस्वती जी धार्मिक व्यक्ति तथा समाज सेवक थे। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की थी, तभी से ही स्वामी रामदेव जी के मन में भी यह बीज डल गया था। की उन्हें उस जाती व्यवस्था के प्रति अपनी आवाज उठाना चाहिए, जिसमे उन्होंने जन्म लिया है। 

स्वामी रामदेव ने अपने आगे के जीवन में शिक्षा / दीक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुलो को ही चुना था। क्योकि गुरुकुल पारंपरिक शिक्षण संस्थान थे , जो हमेशा से ही आयुर्वेद और वैदिक सिद्धांतो पर चलते थे। यही पर इनकी मुलाकात गुरु प्रद्युम्न तथा आचार्य बालकृष्ण से हुई थी। जो की भविष्य के योगगुरु तथा बिजनेस पार्टनर भी थे। स्वामी रामदेव जी तथा आचार्य बालकृष्ण ने साथ में अपनी शिक्षा दीक्षा को पूरा करते हुए अपनी दोस्ती को आगे बढाया। स्वामी रामदेव ने गुरु कर्मवीर से भी योगा के बारे में शिक्षा प्राप्त की थी। 

रामकृष्ण यादव से योगगुरु बाबा रामदेव बनना 

जैसे ही स्वामी रामदेव जी की अपनी योगा की शिक्षा / दीक्षा पूरी हुई। उसके पश्चात ही स्वामी रामदेव ने अपने जीवन के अगले तीन वर्ष हिमालय में गंगोत्री नामक स्थान पर मोक्ष की खोज में ही बिताये थे। अपने जीवन के तीन वर्ष हिमालय में बिताने के बाद स्वामी रामदेव जी ने जीवन के उद्देश्यों को बेहद करीब से जान लिया था। इसके बाद उन्होंने निश्चय कर लिया की अब वे अपने आगे का सम्पूर्ण जीवन लोगो को योगा सिखाने तथा लोगो की मदद करने में लगा देंगे। इसके बाद वे हरियाणा के जींद जिले के कालवा गुरुकुल में रहने लगे तथा आस – पास के गाव – गाव जाकर मुफ्त में योगा की शिक्षा देते थे। 

इसके बाद स्वामी रामदेव जी हरिद्वार चले गये। यहा उन्होंने गुरुकुल कांगरी विश्वविद्यालय में रहते हुए मेडिटेशन किया और साथ ही साथ स्वामी रामदेव जी ने कुछ वर्ष वेद पुराणों की शिक्षा प्राप्त की और स्वामी रामदेव की निस्वार्थ समाज सेवा तथा कड़ी मेहनत का ही नतीजा था। की स्वामी रामदेव के योगा को आस्था टीवी चेनल ने अपने सुबह के कार्यक्रम में दिखाया जाने लगा। यही से स्वामी रामदेव ने भारत के लोगो के बीच एक योगगुरु के रूप में अपनी असली पहचान प्राप्त की थी। सौभाग्य से समय के साथ साथ बड़े बड़े सेलेब्रिटी और प्रसिद्द लोगो ने भी स्वामी रामदेव के योगा केम्प में भाग लिया और स्वामी रामदेव से योगा सीखा था। 

जिनमे से कुछ प्रमुख नाम अमिताभ बच्चन तथा शिल्पा शेट्टी भी शामिल थे। इसके बाद सामी रामदेव जी ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा और भारत के साथ साथ विदेशो में भी जाकर योगा की ट्रेनिंग दे चुके है। इसमें अमेरिका , जापन और ब्रिटेन कुछ प्रमुख देश थे जहा स्वामी रामदेव ने जाकर लोगो को योगा सीखाया तथा मानव जीवन में योगा का महत्त्व बताया था। यह तो बात हुई स्वामी रामदेव जी के योगगुरु बनने की। लेकिन अब हम आगे जानेंगे की किस तरह से एक योगगुरु ने बिजनेस के क्षेत्र में भी अपनी योग कलाए दिखाई और किस तरह से योग के साथ साथ बिजनेस के क्षेत्र में भी सफलता प्रप्त की थी। 

बिजनेस के क्षेत्र में Baba Ramdev का सफर 

योगा के क्षेत्र में तो भले ही रामकृष्ण यादव जी स्वामी रामदेव बन गये थे और यह तो स्वामी रामदेव की सफलता का एक छोटा सा हिस्सा था। उसके बाद साल 2006 में स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ की स्थापना की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य यह था की योगा की भारत के घर घर में पहुचाया जा सके। इसके तत्काल बाद ही स्वामी रामदेव ने अपने गुरुकुल के मित्र आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर Patanjali Ayurved की भी स्थापना की। जो की आयुर्वेदिक दवाइयों के साथ साथ अलग अलग तरह के खाने पीने की चीजों निर्माण करती थी। चूँकि पतंजलि पूर्णतः स्वदेशी भारतीय कंपनी थी। 

इसलिए पतंजलि को भारत के लोगो का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ और देखते ही देखते पतंजलि अपनी आयुर्वेदिक दवाइयों और बेहतरीन प्रोडक्ट्स से लोगो के दिलो पर राज करने लग गयी थी। वर्तमान में इस स्वदेशी कंपनी ने भारत में बिजनेस कर रही दूसरी विदेशी कम्पनियो के नाक में दम कर रखा है। क्योकि लोगो को दूसरी कंपनियों के मुकाबले पतंजलि के उत्पाद सस्ते होने के साथ लोगो अधिक पसंद आ रहे है। वर्तमान में पतंजलि का टर्नओवर लगभग 10,560 करोड़ दर्ज किया गया है। जो की हम सभी भारतीयों के लिए बड़े ही गर्व की बात है। 

पतंजलि की सफलता के पीछे आचार्य बालकृष्ण की कूटनीति तथा स्वामी रामदेव की कड़ी मेहनत का बहुत अहम योगदन है। इन दोनों के तेत्रित्व के बगैर पतंजलि कभी भी इतना बड़ा मुकाम नही हासिल कर सकती थी। वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेद में लगभग 950 उत्पादों साथ पतंजलि आयुर्वेद में 300 से भी अधिक आयुर्वेदिक दवाइयों का भी निर्माण किया जाता है। वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेद के देश में लगभग 47,000 रिटेल काउंटर तथा 3500 से अधिक डिस्ट्रीब्यूटर है। स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण जी के द्वारा लोगो की मदद और निस्वार्थता की भावना से खोली गयी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद आज बहुत सफल कंपनी मानी जाती है। 

Baba Ramdev के योगदान तथा सम्मान

स्वामी रामदेव जी द्वारा योगा के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरनीय है। क्योकि उन्होंने अपने जीवन की बहुत ही छोटी शुरुआत करते हुए देश के योगगुरु बनने तक का सफर तय किया है। उन्होंने आज देश के प्रत्येक घर में योगा को पहुचाया है। वो स्वामी रामदेव जी ही थे , जिन्होंने भारत के साथ साथ विदेशो में भी योग का खूब प्रचार प्रसार क्या और विदेशो में भी भारतीय संस्कृति और योगा को प्रसिद्धि दिलवाई। 

  • स्वामी रामदेव जी को भारत के दुसरे सबसे उच्च नागरिक सम्मान ” पद्म विभूषण ” से भी सम्मानित किया जा चूका है। 
  • बेरहामपुर विश्वविध्यालय द्वारा स्वामी रामदेव जी को डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गयी है। 
  • इण्डिया टुडे तथा देश की अन्य शीर्ष पत्रिकाओ द्वारा लगातार दो वर्षो तक देश के 50 सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्तियों की सूचि में शामिल किया गया था। 
  • ग्राफिक एरा विश्वविध्यालय द्वारा योगगुरु बाबा रामदेव जी को ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गयी है। 
  • एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा तथा डी.वाई. पाटिल यूनिवर्सिटी द्वारा बाबा रामदेव जी को 2020 में डी. एससी. ( ऑनर्स ) प्रदान की गयी। 
  • स्वामी रामदेव जी को महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायण जी द्वारा ‘ चंद्रशेखरानंद सरस्वती अवार्ड ‘ से सम्मानित किया गया। 

हम बाबा रामदेव को योगा तथा देश के विकास के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देने के लिए जितना धन्यवाद करे उतना कम ही है।  हम आशा करते है की बाबा रामदेव भविष्य में हमें निरंतर योग तथा उनके ज्ञान के माध्यम से प्रेरित करते रहेंगे। 

निष्कर्ष:-

एक छोटे से गाव के समान्य से किसान के घर जन्म लेने वाले रामकृष्ण यादव से स्वामी रामदेव बनने तक का सफर बाबा रामदेव जी के लिए बिलकुल भी आसान नही था।  स्वामी रामदेव का जीवन संघर्षो से सच्ची लड़ाई की मिसाल है। बाबा रामदेव के जीवन से हम यह सीख सकते है , की भले ही हमारे जीवन में कितनी भी बड़ी मुश्किलें आ जाये लेकिन हमें सदैव खुद की काबिलियत पर भरोसा रखना चाहिए।

हमें मुश्किल परिस्थितियों में हार नही मानना चाहिए और मुश्किलों यह बता देना चाहिए की हम उन मुश्किलों से भी अधिक मुश्किल व्यक्ति है। हमें पूरा भरोसा है की आपको Baba Ramdev जी की Biography in Hindi का यह आर्टिकल अवश्य ही पसंद आया होगा। हमें उम्मीद है की आपने भी बाबा रामदेव की बायोग्राफी तथा उनके जीवन से कुछ न कुछ अवश्य ही सीखा है। 

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